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अपनी राजनीति चमकाने योगेंद्र बाबा विधायक निधि का कर रहे दुरुपयोग

सिवनी महाकौशल 25  दिसं. 2023
2013 के विधानसभा चुनाव में योगेंद्र बाबा को कोई नहीं जानता था उनकी मां श्रीमती उर्मिला सिंह के नाम से योगेंद्र बाबा को विधानसभा की टिकट मिली थी तब श्रीमती उर्मिला सिंह के नाम से योगेंद्र बाबा पहली बार विधायक बन गए थे। क्षेत्र के लोगों ने उर्मिला सिंह के द्वारा किए गए कामों को ध्यान में रखकर योगेंद्र बाबा को 2013, 2018 और अब 2023 में तीसरी बार विधायक बनाया। वैसे योगेंद्र बाबा को विधायक बनाने में क्षेत्र के भोले भाले गरीब आदिवासियों सहित अन्य वर्गो का विशेष योगदान रहता है लेकिन चुनाव जीतने के बाद योगेंद्र बाबा कुछ धनाढ्य लोगो के हाथो की कठपुतली बन जाते है। 2018 में दूसरी बार चुनाव जीतकर विधायक बने योगेंद्र बाबा ने गरीबों के हिस्से का पैसा अपने कुछ करीबी धनाढ्य लोगो को दे दिया। गतांक में दैनिक महाकौशल एक्सप्रेस ने समाचार प्रकाशित करते हुए उल्लेख किया था कि योगेंद्र बाबा ने विधायक निधि से पैसा देते समय यह भी ध्यान नहीं रखा कि वह जो पैसा दे रहे हैं वह किसी गरीब के खाते में जा रहा है या अमीर के खाते में । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार योगेंद्र बाबा ने अपनी विधायक निधि का एक बड़ा हिस्सा घंसौर क्षेत्र के कई धनाढ्य  और दबंग लोगों के ऊपर खर्च कर दिया । आश्चर्य इस बात का है कि पैसे खर्च करते समय उन्होंने यह भी नहीं देखा कि जिन लोगों के ऊपर वह विधायक निधि का पैसा खर्च कर रहे हैं वह घंसौर में रहते हैं या जबलपुर में । बताया जाता है कि योगेंद्र बाबा ने अमित कुमार जैन एवं श्रीमती नेहा जैन के नाम से शादी के लिए चार-चार हजार रुपया विधायक निधि से स्वीकृत किया। घंसौर से जुड़े सूत्रों की माने तो अमित कुमार जैन और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती नेहा जैन घंसौर में रहते ही नहीं बल्कि वर्तमान में वह जबलपुर में रहते हैं और वहीं उनका व्यापार है । सूत्र तो यह भी बताते हैं कि अमित कुमार जैन और श्रीमती नेहा जैन सक्षम परिवार के लोग हैं बावजूद इसके उन्हें योगेंद्र बाबा ने विवाह समारोह के लिए चार चार हजार रुपिया दे दिया । सूत्रों की माने तो अमित कुमार जैन एवं श्रीमती नेहा जैन के घर में भी ऐसा कोई गरीब नही है जिसे विधायक निधि से पैसे देने की आवश्यकता हो। विधायक योगेंद्र बाबा को क्षेत्र की जनता को यह अवश्य बताना चाहिए की उन्हे विधायक निधि गरीबों के ऊपर खर्च करने के लिए दी गई है या अपने करीबी धनाढ्य लोगो के ऊपर खर्च करने के लिए दी गई है। उल्लेखनीय है की घंसौर मुख्यालय में कई ऐसे लोग हैं जिन्हें योगेंद्र बाबा समय-समय पर उपकृत करते है । योगेंद्र बाबा के करीबी होने का फायदा उठाकर कुछ लोग ठेकेदारी तो कुछ मटेरियल सप्लाई करते है लेकिन जब चुनाव का समय आता है  तो वह घंसौर मुख्यालय से ही योगेंद्र बाबा को जीत नहीं दिला पाते ।